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धर्म आधारित आरक्षण असंवैधानिक, अदालत में नहीं टिकेगा – सीएम साय

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रायपुर : – कर्नाटक सरकार द्वारा शासकीय ठेकों में धर्म के आधार पर आरक्षण देने के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे संविधान की मूल भावना के विरुद्ध और तुष्टीकरण की पराकाष्ठा करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जहां भी सत्ता में आती है, वह संविधान की आत्मा को ठेस पहुंचाने का प्रयास करती है।

 

मुख्यमंत्री साय ने इस फैसले को समाज में वैमनस्य फैलाने वाला और न्यायिक समीक्षा में अस्थिर करार दिया। उन्होंने कहा कि अदालतें पहले भी धर्म आधारित आरक्षण को असंवैधानिक ठहरा चुकी हैं, इसलिए यह निर्णय कानूनी रूप से टिक नहीं पाएगा। उन्होंने कांग्रेस पर वोटबैंक की राजनीति के लिए वंचित वर्गों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।

 

“चेत जाइए खरगे जी, इतिहास आपको माफ नहीं करेगा” – मुख्यमंत्री साय

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मांग की कि वे इस असंवैधानिक फैसले को तुरंत वापस लेने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को निर्देश दें। उन्होंने कहा कि यह आदिवासियों, दलितों और वंचित समाज के साथ अन्याय है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खरगे जी स्वयं वंचित समाज से आते हैं, फिर भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बहकावे में आकर अपने ही समाज के खिलाफ साजिश का हिस्सा बन रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “चेत जाइए खरगे जी, इतिहास आपको माफ नहीं करेगा।”

 

विरोध बढ़ता जा रहा है

गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार के इस फैसले का कई संगठनों और विपक्षी दलों ने पहले ही विरोध किया था। अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद यह मुद्दा और गरमा गया है। आगामी दिनों में इस पर और भी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।

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भूपेन्द्र पाण्डेय

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