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महतारी जतन योजना: कोरबा में अफसर-एजेंट गठजोड़ से गरीबों का हक छीना गया, जांच की मांग तेज

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कोरबा :— छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी महतारी जतन योजना में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसने कोरबा स्थित सहायक श्रमायुक्त कार्यालय की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छत्तीसगढ़ मजदूर शक्ति संघ ने इस अनियमितता को उजागर करते हुए तत्काल उच्च-स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यह गंभीर प्रकरण तब सामने आया जब छत्तीसगढ़ मजदूर शक्ति संघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़वाल और प्रदेश महामंत्री संतोष मिश्रा के मार्गदर्शन में, कोरबा जिला अध्यक्ष निलेश साहू ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी खंगालते हुए गहन पड़ताल की। महतारी जतन योजना, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिला श्रमिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, में कई ऐसे चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं जहां अपात्र व्यक्तियों को भी धड़ल्ले से योजना का लाभ दिया जा चुका है।

जांच में हुए खुलासे ने सभी को स्तब्ध कर दिया है:

* दोहरा लाभ: कई फर्जी प्रकरणों में एक ही हितग्राही को एक ही संतान के लिए महतारी जतन योजना का लाभ दो बार दिया गया है।

* जन्म प्रमाण पत्र में कूटरचना: जन्म प्रमाण पत्रों में हेरफेर कर जन्म तारीख बदली गई है, ताकि अपात्र भी योजना का लाभ उठा सकें।

* नियमों की अनदेखी: नियम विरुद्ध तरीके से तीसरी संतान के लिए भी योजना का लाभ दिया गया है, जबकि नियमानुसार यह प्रतिबंधित है।

* अपात्रों को पुनः लाभ: जिन हितग्राहियों को पूर्व में श्रम निरीक्षक द्वारा ‘गृहिणी’ बताकर अपात्र घोषित किया गया था, उन्हें बाद में पुनः ‘मजदूर’ मानकर योजना का लाभ दिया गया है। यह स्पष्ट रूप से श्रम निरीक्षक, च्वाइस सेंटर और हितग्राहियों के बीच साठगांठ की ओर इशारा करता है।

संघ का आरोप है कि इस फर्जीवाड़े में श्रम विभाग के पदधारी और उनके “मुंहबोले एजेंट” सक्रिय रूप से शामिल हैं। दावा किया गया है कि योजना राशि का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा इन्हीं एजेंटों की जेब में जाता है, जबकि शेष 50 प्रतिशत ही वास्तविक हितग्राही तक पहुंच पाता है। यह भी बताया गया है कि एजेंट त्वरित और फर्जी कार्यों के एवज में श्रम निरीक्षकों को मोटी रकम देते हैं, जिससे विभाग के भीतर भ्रष्टाचार का जाल बिछ गया है।

कुछ मामलों में परिवार के सदस्यों को छिपाकर विभाग को गलत जानकारी देने और दस्तावेजों में कूट रचना कर योजना का लाभ उठाने की बात भी सामने आई है। संघ ने यह भी चिंता जताई है कि कई हितग्राहियों को तो यह भी पता नहीं है कि उनके दस्तावेजों में हेरफेर किया गया है। यह शातिर अपराधी श्रम विभाग से दस्तावेज प्राप्त कर, उनमें कूट रचना कर, पुनः आवेदन कर देते हैं और राशि दिलाने का दावा करते हैं। संघ का कहना है कि श्रम निरीक्षक, कल्याण निरीक्षक और उनके ऑपरेटरों के सहयोग के बिना इस पैमाने का फर्जीवाड़ा संभव नहीं है।

छत्तीसगढ़ मजदूर शक्ति संघ ने इस गंभीर भ्रष्टाचार पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित विभाग से तत्काल उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है। संघ का स्पष्ट कहना है कि इस प्रकार के भ्रष्टाचार से न केवल योजना का मूल उद्देश्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि वास्तविक जरूरतमंदों को भी उनके हक से वंचित किया जा रहा है। संघ ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और योजना में पूर्ण पारदर्शिता लाने की मांग की है।

इस संबंध में, छत्तीसगढ़ मजदूर शक्ति संघ ने भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल को एक विस्तृत पत्र लिखकर मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। इसके अतिरिक्त, संघ के जिला अध्यक्ष निलेश साहू , जिला महामंत्री दिपेंद्र यादव और उनकी टीम ने राजेश आदिले, सहायक श्रमायुक्त कोरबा को भी एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कड़ी कार्रवाई की मांग दोहराई गई। सहायक श्रमायुक्त राजेश आदिले ने संघ को आश्वासन दिया है कि अपात्र हितग्राहियों से योजना की राशि वसूल की जाएगी और फर्जी दस्तावेजों वाले मामलों में दोषी हितग्राही, श्रम निरीक्षक और कल्याण निरीक्षकों सहित इस कृत्य में संलिप्त सभी व्यक्तियों पर एफ.आई.आर. भी दर्ज की जाएगी।

जिला अध्यक्ष निलेश साहू , जिला महामंत्री दिपेंद्र यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह भी बताया कि कोरबा जिले में विभिन्न योजनाओं के ऐसे कई आवेदन हैं जिनमें फर्जीवाड़ा होने की आशंका है और जिनकी जानकारी संघ को प्राप्त हो चुकी है। जांच अभी भी जारी है, और संघ ने इन सभी प्रकरणों की जांच कर वास्तविक हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने तथा दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।

अब यह देखना होगा कि सरकार और संबंधित विभाग इस गंभीर फर्जीवाड़े पर क्या ठोस कार्रवाई करते हैं और महतारी जतन योजना को किस तरह से दुरुस्त किया जाता है ताकि इसका लाभ सही मायने में जरूरतमंदों तक पहुंच सके और भ्रष्टाचार की यह जड़ें उखाड़ी जा सकें।

 

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भूपेन्द्र पाण्डेय

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