बिलासपुर :- छत्तीसगढ़ मजदूर शक्ति संघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़वाल के निर्देश पर, प्रदेश महामंत्री संतोष मिश्रा ने श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन से “मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास एवं परिवार सशक्तिकरण योजना” के त्वरित संचालन और प्रत्येक जिला कार्यालय को पर्याप्त बजट आवंटन की पुरजोर मांग की है। यह मांग एक संलग्न पत्र (क्रमांक CG MSS/33) के माध्यम से की गई है, जिसकी तिथि 28 जून 2025 है।
पत्र में, प्रदेश महामंत्री संतोष मिश्रा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास एवं परिवार सशक्तिकरण योजना एक अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य निर्माण श्रमिकों और उनके आश्रितों को कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान कर उनके परिवारों को सशक्त बनाना है। उन्होंने योजना के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में इस योजना की घोषणा की गई थी।
यह योजना छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण (CSSDA), राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC), भारतीय निर्माण कौशल विकास परिषद (CSDCI), राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (NCVT) तथा भारत सरकार कौशल विकास विभाग द्वारा अधिकृत संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करने की परिकल्पना करती है। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि प्रशिक्षित श्रमिकों को 03 वर्ष में एक बार प्रशिक्षण देने की पात्रता होगी और उनके उत्थान के लिए यह महत्वपूर्ण है। संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि प्रशिक्षण के पश्चात् श्रमिकों के रोजगार और मूल्यांकन शुल्क का भुगतान सुनिश्चित दरों पर करने का प्रावधान भी सुनिश्चित किया जाए।
हालांकि, छत्तीसगढ़ मजदूर शक्ति संघ ने चिंता व्यक्त की है कि इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कुछ कदम उठाना आवश्यक है। पत्र में कहा गया है कि योजना के त्वरित संचालन में विलंब और जिला कार्यालयों को पर्याप्त बजट आवंटन की कमी के कारण, अधिक से अधिक श्रमिक इस योजना का लाभ उठाने से वंचित रह सकते हैं।
अतः, प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़वाल के मार्गदर्शन में, प्रदेश महामंत्री संतोष मिश्रा ने निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया है:
* योजना का त्वरित संचालन: “मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास एवं परिवार सशक्तिकरण योजना” के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रमों को तत्काल रूप से शुरू किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी पात्र श्रमिक और उनके परिवारों के सदस्य बिना किसी अनावश्यक देरी के इसका लाभ उठा सकें।
* प्रत्येक जिला कार्यालय को पर्याप्त बजट आवंटन: योजना के सुचारू और व्यापक क्रियान्वयन हेतु, श्रम विभाग के प्रत्येक जिला कार्यालय को पर्याप्त बजट आवंटित किया जाए। इससे जिला स्तर पर आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और योजना का प्रभावी ढंग से प्रचार-प्रसार एवं क्रियान्वयन हो सकेगा।
* भारत सरकार, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और वेलफेयर वेलफेयर कमीशन के निर्देशों के अनुरूप पूर्व में संग्रहित उपकर के 10 प्रतिशत राशि प्रशिक्षण कार्य में व्यय किया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ मजदूर शक्ति संघ ने विश्वास व्यक्त किया है कि यदि सरकार इन सुझावों पर ध्यान देती है, तो यह योजना अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होगी और छत्तीसगढ़ के निर्माण श्रमिकों एवं उनके परिवारों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार लाएगी। प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़वाल के नेतृत्व में, संघ ने श्रम मंत्री से इस विषय पर तत्काल कार्यवाही करने का आग्रह किया है।