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कलेक्टर ने की महिला एवं बाल विकास विभाग के काम-काज की समीक्षा सीडीपीओ और सुपरवाइजर की वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश

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बिलासपुर // कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मंथन सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने कोटा ब्लॉक के सीडीपीओ एवं बांसाझाल क्षेत्र के सुपरवाइजर की एक-एक वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि कलेक्टर विगत दिनों बांसाझाल आंगनबाड़ी केन्द्र का दौरा किया था। आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज 35 बच्चों में से केवल 2 बच्चे उपस्थित थे। उन दोनों अधिकारियों को इसके लिए पूर्व में जारी नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर कलेक्टर ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें शो-कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में डीपीओ श्री सुरेश सिंह सहित सभी परियोजनाओं के सीडीपीओ, सुपरवाइजर और महिला बाल विकास विभाग से संबंध संस्थाओं के अधिकारी शामिल हुए।

कलेक्टर ने बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एक-एक योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की और इनके बेहतर क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया कि यदि योजनाओं में गड़बड़ी या लापरवाही पाई गई, तो संबंधित पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि योजनाओं का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो और पात्र हितग्राहियों तक ही लाभ पहुंचे, संवेदनशीलता के साथ योजनाओं का क्रियान्वयन हो। कलेक्टर ने सबसे पहले विभाग में सभी रिक्त पदों की जानकारी ली और 31 जुलाई तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने कहा जिससे जमीनी स्तर पर योजनाओं का बेहतर संचालन हो सके। कलेक्टर ने महतारी वंदन योजना की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि किसी भी मृतक या अपात्र हितग्राही के खाते में राशि का हस्तांतरण न हो। उन्होंने कहा कि योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे, इसके लिए सभी स्तरों पर सतर्कता आवश्यक है।

कलेक्टर ने प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के लाभार्थियों की कम संख्या पर नाराजगी जाहिर की और निर्देश दिए कि योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाते खुलवाने के लिए विशेष पहल किए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कलेक्टर ने कहा कि बालिकाओं का भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण योजना है। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सखी वन स्टॉप सेंटर के प्रकरणों की जानकारी ली और इसे भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र महिलाओं से संबंधित हिंसा एवं समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रभावी कदम है, जिसके माध्यम से छोटे-छोटे घरेलू विवादों का निपटारा परामर्श के माध्यम से किया जाता है। उन्होंने सखी केन्द्र के व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया ताकि अधिक से अधिक पीड़ित महिलाएं इसकी सेवाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने सीडीपीओ ओर पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए कि गांव में होने वाले छोटे-मोटे विवादों को काउंसिलिंग के माध्यम से निपटारे की पहल करें। आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति की जानकारी लेते हुए जर्जर भवनों के मरम्मत, नये आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण में गुणवत्ता और अधिकारियों को नियमित रूप से केन्द्रों के निरीक्षण के निर्देश दिए।

बैठक में कलेक्टर ने जिले में पोषण अभियान पोट्ठ लईका के विषय में विस्तृत जानकारी लेते हुए कहा कि बच्चों के संबंध में सटीक डाटा लिए जाए इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो। उन्होंने जिले में 31 जुलाई तक अभियान चलाकर बच्चों के वजन लेने के निर्देश दिए और पालकों के व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रयास करने कहा ताकि वे बच्चों के पोषण पर बेहतर ध्यान दे सकें। बैठक में स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम, चाईल्ड लाईन, दत्तक ग्रहण एजेंसी, फॉस्टर केयर, महिला कोष, बाल कोष के विषय में जानकारी के साथ ही बच्चों के लिए चलाए जा रहे बाल गृह, बालिका गृह व किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति के संचालन की जानकारी ली। किशोरी बालिकाओं पर विशेष ध्यान देने के लिए निर्देशित करते हुए कलेक्टर ने स्कूल और स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर स्वास्थ्य जांच कराने के निर्देश दिए।

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भूपेन्द्र पाण्डेय

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