जांजगीर :— छत्तीसगढ़ में श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत श्रमिकों द्वारा किए गए आवेदनों को लेकर गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कई श्रम निरीक्षकों द्वारा श्रमिकों के आवेदनों को बिना किसी पूर्व सूचना या स्पष्ट कारण बताए निरस्त कर दिया जा रहा है। इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा किसी भी प्रकार के फोन भी नहीं किया गया, इससे प्रदेश के मेहनतकश वर्ग में भारी निराशा और आक्रोश व्याप्त है।
पीड़ित श्रमिकों का कहना है कि उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई से कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए आवेदन जमा किए थे। हालांकि, उन्हें अचानक ही पता चला कि उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। कई श्रमिकों ने यह भी शिकायत की है कि उन्हें निरस्तीकरण का कोई आधिकारिक पत्र या सूचना प्राप्त नहीं हुई है, जिससे उन्हें यह भी जानने का अवसर नहीं मिल सका कि आखिर उनके आवेदन में क्या कमी थी और वे इसे कैसे सुधार सकते थे।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए विभिन्न श्रमिक संगठनों ने श्रम विभाग के अधिकारियों के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई है। संगठनों का कहना है कि यह कार्रवाई श्रमिकों के अधिकारों का हनन है और इससे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का उद्देश्य ही विफल हो रहा है। उन्होंने मांग की है कि श्रम विभाग तत्काल इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, उन्होंने यह भी मांग की है कि निरस्त किए गए सभी आवेदनों पर पुनर्विचार किया जाए और श्रमिकों को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाए।
इस संदर्भ में जब श्रम विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो तत्काल कोई आधिकारिक बयान प्राप्त नहीं हो सका। हालांकि, सूत्रों की मानें तो विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही इस पर स्पष्टीकरण जारी कर सकता है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। बिना किसी वैध कारण और सूचना के आवेदनों का निरस्तीकरण इन योजनाओं के प्रति श्रमिकों के विश्वास को कमजोर कर सकता है। अब देखना यह होगा कि श्रम विभाग इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाता है और पीड़ित श्रमिकों को न्याय कैसे मिलता है।